STORYMIRROR

कुछ करो तो पुरुषार्थ हैं आशिक़ हम तो यादें कहती हैं ये भी तो कुछ कहते हैं कविता पेड़ पूनम श्रीवास्तव। ज़िंदगी कुछ यूं ही लफ्ज़ ए ज़िंदगी तो धन है रिश्ते हैं

Hindi यूं तो कुछ मज़बूरी कशमकश हैं Poems